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Shloka: | उत्सन्नकुलधर्माणां मनुष्याणां जनार्दन। नरके नियतं वासो भवतीत्यनुशुश्रुम॥ |
Bhagavad Gita Reference: | 1.44 |
Mahabharata Reference: | 6023044 |
Hindi Trnaslation: | हे जनार्दन ! जिनके कुलधर्म नष्ट हो चुके हैं, एसे मनुष्यों का निस्सन्देह दीर्घ व अनिशित काल के लिये नरक में वास होता है, ऐसा हमने सुना है ॥४४॥ |
Sandhi-split Shloka: | जनार्दन उत्सन्नकुलधर्माणां मनुष्याणां अनियतं नरके वासः भवति इति अनुशुश्रुम। |
Anvayakrama: | जनार्दन उत्सन्नकुलधर्माणां मनुष्याणां अनियतं नरके वासः भवति इति अनुशुश्रुम॥ |
Bhagavad Gita Tagged Shloka: | उत्सन्नकुलधर्माणां/NV मनुष्याणां/NP जनार्दन/NS नरके/NP अनियतं/NV वासः/NP भवति/KP इति/AUD अनुशुश्रुम/KP ॥/PUNC 1.44/PUNC ॥/PUNC Tagging scheme used |